Meri Kuchh Krantiwadi Shayeriyan

देखो इंडिया जाग रहा हे, ताकत अपनी पहचान रहा हे !
समय हे अब भी सुधार सको तो सुधार लो खुद को !
अब तूफ़ान ये उमड़ रहा हे, देखो इंडिया जाग रहा हे !!

Ashok Sharma

My Poem – Main Aas Lagaye Baitha Hun…

मैं आस लगाये बैठा हूँ, एक उम्मीद जगाये बैठा हूँ !
इन तूफानी राहों में, मैं दीप जलाये बैठा हूँ !! मैं आस लगाये बैठा हूँ…
कहीं अपनों के लुट जाने कि पीर सही हे मैंने !
कहीं अपनों के आँसूं कि बौछार सही हे मैंने !
दबी हुई सी पर सबने आवाज़ आज उठाई हे !
उस आवाज़ से आवाज़ मिलाने, मैं विगुल उठाये बैठा हूँ !! मैं आस लगाये बैठा हूँ…
भ्रष्टाचार रूपी दानव ने देखो क्या आतंक मचाया हे !
अत्याचार और दुराचार ने हमको बड़ा सताया हे !
इन दानवों का वध करने मैं घात लगाये बैठा हूँ !! मैं आस लगाये बैठा हूँ…
मिटा इसे देना हे मिट कर भी, मार इसे देना हे मर कर भी !
विजय पताका लहराने को मैं प्रण उठाये बैठा हूँ !! मैं आस लगाये बैठा हूँ…

Ashok Sharma

Mrei Kuchh Dukh Bhari Shayeriyan

जाने कब एक ग़म ज़िंदगी भर कि खुशियाँ भुला गया !
यूँ तो हर गम जीने का वादा किया था खुदा से !
पर जाने कब ग़म हमको जीना भुला गया !!

चाहे लाख मजबूत हो रिश्तों कि डोर !
चाहे बिन उनके जीना बेमानी लगता हो !
पर ज़िंदगी बड़ी खुदगर्ज़ हे यारों !
मर कर भी जीने को मज़बूर करती हे !!

Ashok Sharma