Some poems written for AAP

वो उंगली उठाते हें हम पर, इनायत उनकी !
हम अंजाम तक यूँ ही नही पहुँचे हें यारों
इसके पीछे रही हे मेहनत उनकी !!

आँखों में नींद हे मग़र, मै सो नहीं पाता हूँ !
ऐ रात सिमट जा कुछ पलों में तू, कि मै यूँही जागता चला जाता हूँ !!

बुनियाद हमारी कमजोर नहीं, जो हिल जाये हवा के झोंकों से !
अटूट अटल विश्वास हे ये,
तोड़ नहीं सकते इसे वो लोग, जो बिक जाते हें पैसों से !!

My Poem – Me aaj safal hua to desh ye safal hua

दूषित स्वार्थ कि झील से बलिदान देखो पनप चला !
प्रचंड अन्धकार पर ये रौशनी का वार हुआ !
मै आज प्रज्वल हुआ तो देश ये प्रज्वल हुआ !!
स्वर से स्वर मिल चले आवाज़ अब ये बुलंद हुई !
प्रचंड धूप में  ये शीतल पवन का वार हुआ !
मै आज प्रबल हुआ तो देश ये प्रबल हुआ !!
अटूट अटल साहस लिए अब कदम मेरे बढ़ चले !
दुराचार कि आंधी पर ये हौसलों का वार हुआ !
मै आज सफ़ल हुआ तो देश ये सफ़ल हुआ !!