My Poem – Friendship

दोस्ती साथ रहने का नाम नहीं, यह पाने खोने का काम नहीं !
स्वार्थ सिद्धि नहीं शामिल इसमें, स्वार्थियों का यह काम नहीं !
अहसास हे जो पैदा किया नहीं जाता, चाहने से ये काम किया नहीं जाता !
परिश्थितिओ से जो हो जाये प्रभावित, ये दोस्त दोस्ती उसका नाम नहीं !
इस जग में जो पवित्र हे सबसे, जग में हे जो सबसे कोमल !
टूट जाये कभी बिन छुए जो, कभी आंधी जिसे हिला नहीं पाये !
चाहे तो कर दे बर्बाद छण में, छण भर में जीवन जिससे संवर भी जाये !
कुछ और नहीं हे कहते इसको, दोस्ती इसका नाम हे यारों !!

2 thoughts on “My Poem – Friendship

  1. Hey there!

    I haven’t come across a hindi poem I liked so much since I stopped studying hindi in 7th grade. Its a beautiful poem! Keep it up!
    टूट जाये कभी बिन छुए जो, कभी आंधी जिसे हिला नहीं पाये !
    चाहे तो कर दे बर्बाद छण में, छण भर में जीवन जिससे संवर भी जाये !
    That’s my favorite part!

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