My Poem – Hum sab sahare AAP ke

इस बार नहीं मंज़ूर हमें, कुछ और सिवाये AAP के !
AAP ही मंज़िल हमारी, हम सब सहारे AAP के !!
घबरा नहीं जाना अभी से, मुश्किल हज़ारों आएँगी !
रात हे घनघोर अभी, कल सुंदर सुबह ये लाएगी !!
डर नहीं, हम सब खड़े हें, बन कर सहारे AAP के !
AAP ही मंज़िल हमारी, हम सब सहारे AAP के !!

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